हमेशा वॉक आउट की राजनीति करने वालों को अब सत्र की अवधि कम लग रही
भाजपा ने सत्र की अवधि पर होने वाली कांग्रेसी बयानबाजी को सिर्फ विरोध के मकसद से की जाने वाली नकारत्मक राजनीति करार दिया है।
प्रदेश अध्यक्ष श्री महेंद्र भट्ट ने निशाना साधा कि जिन्होंने हमेशा राज्य निर्माण और उसके विकास का विरोध किया, वे नहीं चाहते गैरसैण में सत्र का संचालन हो। साथ ही सुझाव दिया कि कांग्रेस राजनीति करने के बजाय सत्र की तैयारी करे अन्यथा सदन का एक दिन भी उनके विधायकों के लिए बड़ा साबित होने वाला है।
विभिन्न माध्यम से पूछे गए मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि जिनके विधायक पहले गैरसैण में सत्र नहीं करने के लिए पत्र लिखते थे और बाद में राजनीति के लिए इनका संगठन पलट जाता है। जो सत्र गैरसैंण कराने के लिए बयानबाजी करते हैं और सत्र की घोषणा होने पर दोबारा राजनैतिक लाभ के लिए उसकी अवधि को लेकर सवाल खड़ा करते हैं। प्रत्येक सत्र को हंगामे के साथ शुरू करते हैं और हंगामे के साथ ही समापन करते हैं । जिनके लिए सत्र का मतलब, आम जनता के विषय उठाना नहीं बल्कि हंगामा और वॉक आउट कर मीडिया में चर्चा का मुद्दा बनना है।
कांग्रेस पार्टी और उनके विधायकों की सदन की गतिविधि सबके सामने है। आम लोगों की समस्याओं को उठाने, महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा करने और सदन में रचनात्मक भूमिका निभाने में उनकी भूमिका कभी नहीं रही है। वह आज सत्र की अवधि को कम बताते हैं और जब सत्र चलता है तो हंगामा और वॉक आउट कर सदन को चलने नहीं देते हैं।
बेहतर है कि कांग्रेस सत्र की पूरी तैयारी करे अन्यथा मुद्दाविहीन एवं विचारहीन कांग्रेस के विधायकों के लिए लिए तो एक दिन भी ज्यादा साबित होगा ।
उन्होंने कांग्रेस की नीयत पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि कांग्रेस हमेशा राज्य निर्माण के विरोधी रहे हैं। जिन्होंने अटल सरकार के दिए विशेष औद्यौगिक पैकेज सत्ता में आने पर वापिस लेने का पाप किया है और हमेशा से ही विकास विरोधी रहे हैं । गैरसैण की ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाने से लेकर वहां के विकास को लेकर भाजपा सरकार ने ही अधिकांश योगदान दिया है । कांग्रेस को न पृथक उत्तराखंड से सहानुभूति रही है और न ही गैरसैण को लेकर उनके मन में कोई भावना है। सच्चाई यह है कि कांग्रेस के लिए गैरसैण एक राजनैतिक मुद्दे से अधिक कुछ नहीं है ।