प्रतीकात्मक मन्दिर बनने से नही बदलता पौराणिक स्वरूप, कांग्रेस की चिंता राजनैतिक: चौहान

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मन्दिर की शाखा नही बल्कि वह देवालय, कांग्रेसियों मे सनातन की समझ का अभाव

 

बाबरी मस्जिद के समर्थक कर रहे हैं , श्री केदारनाथ के नाम से बनने वाले मंदिर पर आपत्ति है

 

प्रतीकात्मक मंदिर को सेंटर या शाखा कहना शर्मनाक , तुष्टिकरण का परिचायक

 

देहरादून। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने कहा कि दिल्ली मे भगवान केदारनाथ के प्रतीकात्मक मन्दिर को लेकर कांग्रेसियों की चिंता राजनीति से प्रेरित है या उन्हे सनातन या पौराणिक समझ कम है।

चौहान ने कहा कि दिल्ली अथवा कहीं भी प्रतीकात्मक मन्दिर बनने से किसी भी ज्योतिर्लिंगों का महत्व कम नही होता। पुराणों मे 12 ज्योतिर्लिंगों का उल्लेख है और किसी प्रतीकात्मक मन्दिर के बनने से कुछ भी बदलाव असंभव है। उन्होंने कहा कि देश मे कई प्रतीकात्मक मंन्दिर हैं और आस्थावान लोग वहां सदियों से पूजा अर्चना करते आये हैं। इससे सनातन धर्मालंबी आहत नही बल्कि राहत महसूस करेंगे। उन्होंने पलटवार करते हुए कहा कि एक प्रतीकात्मक मन्दिर को सेंटर और शाखा कहने वालों को पहले सनातन के बारे मे समझना होगा। मन्दिर कोई व्यावसायिक संस्थान नही जिसे सेंटर या शाखा से संबोधित किया जाय।

 

उन्होंने कांग्रेस द्वारा सदबुद्धि यज्ञ को आडंबर बताते हुए कहा कि इन कथित धर्मध्वजा के रखवाले उस समय सनातन के अपमान पर हंस रहे थे जब कांग्रेस समर्थित वकील कोर्ट मे भगवान को काल्पनिक बता रहे थे। तब उन्होंने कोई विरोध प्रदर्शन और न ही किसी तरह से अपने हाईकमान के सामने विरोध जताया।

चौहान ने कहा कि हमेशा तुष्टिकरण के लिए सनातन की आलोचना करने वाले कांग्रेसी आज सनातन पर ज्ञान बांच रहे हैं जो कि हास्यास्पद है। उन्होंने कहा कि सनातन विरोधियों के इस व्यवहार को देश की जनता भली भाँति जानती है और माफ नही करने वाली है। प्रतीकात्मक मन्दिर का विरोध कर रही कांग्रेस भगवान को काल्पनिक बताकर साफ कर चुकी है कि वह दोहरे मापदंड अपनाकर खुद को सनातन प्रेमी होने का ढोँग कर रही है।

 

चौहान ने तंज कसते हुए, कांग्रेस पर सनातन के विरोध और देवभूमि के अपमान की सुपारी लेने का आरोप लगाया है । जो लोग हमेशा बाहरी आक्रांताओं के नाम पर बनी बाबरी मस्जिद को बचाने में लगे रहे, उन्हे श्री केदारनाथ के नाम से बनने वाले मंदिर बनने पर आपत्ति है,

चौहान ने कहा, लगातार जनता द्वारा नकारे जाने के बाद भी कांग्रेस नेताओं का सनातन और देवभूमि विरोधी बयानबाजी करना बेहद शर्मनाक है। उन्होंने कहा, कांग्रेस हमेशा सनातन संस्कृति को बढ़ावा देने वाले कार्यों का विरोध करती आई है । कांग्रेस नेताओं और सहयोगी दलों ने हिंदू धर्म को खुलेआम नाश करने की बात की है। यही वजह है कि दिल्ली में श्री केदारनाथ के प्रतीकात्मक मंदिर का निर्माण उन्हे हजम नही हो रहा है । हैरानी है कि काबूल से आए लुटेरे बाबर की अयोध्या में स्थित मस्जिद को बचाने के लिए जिन्होंने रात दिन एक किए, अब उन्ही को श्री केदार मंदिर निर्माण से होने वाले प्रचार प्रसार से आपत्ति हो रही है ।

 

 

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